अंग्रेजी में कहते हैं ‘वर्क इज़ वरशिप’ अर्थात कर्म ही पूजा है”। लेकिन हर कर्म ही पूजा नही होता। आलस्य, मजबूरी, गलाकाट प्रतिस्पर्धा, भय दिखा कर और घृणा से किया गया कर्म पूजा नही है।व्यर्थ या बुरी भावना से किए गए कर्म विकर्म या पापकर्म कहे जाते हैं। कोई ऐसा ही आपके द्वारा किया गया कार्य वरशिप की बजाय वॉरशिप बन जाता है। अर्थात कर्मक्षेत्र, युद्ध क्षेत्र में बदल जाता है।
बुरे कर्म का फल दुख, अशांति, पीड़ा, रोग शोक कष्ट के रूप में भोगना पड़ता है। सद्-भावना से किया गया कर्म ईश्वर की पूजा बन जाता है।
मैं आपके सफल, सुखद और स्वास्थ से भरपूर मंगल दिवस की कामना करता हूँ….