विवादित बयानों के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मुसीबत बनती जा रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर जहाँ केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न आयोजनों के माध्यम से गाँधीवादी विचारधारा और सिद्धांतों को प्रचारित प्रसारित कर रही है वहीं पार्टी के ही कुछ नेताओं द्वारा बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करते हुए उसे देशभक्त करार देने से भी गुरेज नहीं कर रहे है। इस फेहरिस्त में सबसे ऊंचा नाम साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का ही है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है, लेकिन इस बार यह बयान सड़क पर नहीं, बल्कि संसद में दिया है। यह वही बयान है, जो पहली बार भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने दिया था। आगर-मालवा नामक एक इलाके में उस वक्त प्रज्ञा ने कहा था कि ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे।
इस बार नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताना बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को महंगा पड़ गया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकाल दिया है। इसके साथ ही सत्र के दौरान होने वाले बीजेपी संसदीय दल की बैठकों में भी साध्वी प्रज्ञा को नहीं आने का फरमान सुनाया गया है। जानकारी के अनुसार साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पार्टी की अनुशासन समिति बड़ी कार्यवाही करेगी। उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है. बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि संसद में कल का उनका बयान निंदनीय है। बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है।
बता दें कि लोकसभा में जब एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए. राजा गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा तो साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें टोक दिया। साध्वी ने कहा, ‘आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते। साध्वी प्रज्ञा के यही बोल उनके लिए मुसीबत और भारतीय जनता पार्टी के गले की हड्डी बन गई है। लिहाज़ा कार्यवाही तो बनती ही है।