पुलवामा हमले में शहीद हुए शहीदों की शहादत का बदला भले ही देश की सेना ने भले ही ले लिया है। लेकिन उन 40 जवानों को अब कभी लौटाया नहीं जा सकता। उस परिवार पर क्या बीती होगी जब उनके सामने उनके चिराग का शव क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा मिला होगा। जिस्म के कई हिस्से अलग मिले हो और कुछ का नामो-निशां भी न मिला हो। सोच कर दिल सिहर जाता हैं उस माँ के बारे में जो ये कहती थी आपतो सेना में एक इंच कम लंबाई भी नहीं लेते, तो मैं भला अपने लाल का आधा शरीर कैसे ले लूँ।
शहीदों की शहादत को नेशनल थॉट्स भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। चालीस वीर जवानों की जवानों की शहादत पर हर देशवासी का दिल रोया था जिसने सरजमीं पर अपना सर्वस्व खोया था।
कज कुमार त्रिपाठी
53 बटालियन
हरपुर, बेल्हाया, लेजर महादेव, महाराजगंज, उत्तर प्रदेश
तिलकराज
76 बटालियन
धीवा, धरकला, जवाली, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
अजीत कुमार आजाद
115 बटालियन
हाउस नंबर 133, 21, लोक नगर उन्नाव, सदर, उत्तर प्रदेश
प्रदीप सिंह
115 बटालियन
अजान, सुखचैनपुर, तेरवा, कन्नौज, उत्तर प्रदेश
श्याम बाबू
115 बटालियन
राइगवान, नोनारी, डेरापुर, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
रमेश यादव
61 बटालियन
तोफापुर, बरेन, सद्दर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
अवधेश कुमार यादव
45 बटालियन
बहादुरपुर, जलीलपुर, मुगलसराय, चंदौली
राम वकील
176 बटालियन
विनायकपुर, लखनमऊ, मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
वीरेंद्र सिंह
45 बटालियन
मोहम्मदपुर भूरिया, प्रतापपुर नंबर-4, खटिउमा, उधमसिंह नगर, उत्तराखंड