नई दिल्ली || फीस बढ़ोतरी मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी।सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि छात्रों को फिलहाल पुरानी फीस के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन करने की इजाजत दी जाए। साथ ही अदालत ने कहा कि इन छात्रों से किसी भी तरह की लेट फीस भी नहीं ली जाएगी। बता दें कि जेएनयू छात्र संगठन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि फीस में बढ़ोतरी गैर कानूनी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू की हाई लेवल कमेटी को होस्टल मैनुअल में बदलाव का अधिकार नहीं था।
इस मामले में जब जेएनयू प्रशासन ने जब कई छात्रों के फीस जमा करने की बात कही तो छात्रों की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि बच्चों ने दबाव में आकर डर के कारण फीस जमा की है। कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रशासन को बढ़ी फीस वापस तो लेनी ही चाहिए जिन छात्रों से पैसे लिए हैं, उन्हें भी लौटाना चाहिए।याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने ड्राफ्ट हॉस्टल मैनुअल पर कोर्ट से स्थगन की मांग भी की। इससे पहले असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने यह माना कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी के माध्यम से भारत सरकार इस मामले में पक्षकार है।