वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी एस आई आर) ने पुणे की मल्टीनेशनल कंपनी केपिट के साथ मिलकर देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार विकसित कर ली है। अब यह विभिन्न चरणों के ट्रायल से गुजर रही है।
कैसे काम करती है यह तकनीक
हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच की रासायनिक प्रक्रिया पर काम करती है। इसमें हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में भरा जाता है, जबकि ऑक्सीजन हवा से ली जाती है।
लाभ क्या
इस तकनीक के कई लाभ हैं। इससे महंगे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया में सिर्फ पानी बनता है, इसलिए यह प्रदूषण नहीं करेगी।
इसी साल पहली कार संभव
हुंडई इसी साल भारत में अपनी पहली हाइड्रोजन फ्यूल कार लांच करने की तैयारी में है।
– अमरीका, चीन, जर्मनी, कोरिया और जापान हैं इस दौड़ में सबसे आगे।
– हाइड्रोजन को पर्यावरण के लिए सबसे शुद्ध ईंधन माना जाता है।