केवल मन में सम्मान होने से कुछ नहीं होता
सम्मान दिखना भी चाहिये
चाहे आदर से
चाहे दान या उपहार से
चाहे विनय से या फिर बड़ाई से |
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केवल मन में सम्मान होने से कुछ नहीं होता
सम्मान दिखना भी चाहिये
चाहे आदर से
चाहे दान या उपहार से
चाहे विनय से या फिर बड़ाई से |