चत्वारि राज्ञा तु महाबलेना वर्ज्यान्याहु: पण्डितस्तानि विद्यात् । अल्पप्रज्ञै: सह मन्त्रं न कुर्यात दीर्घसुत्रै रभसैश्चारणैश्च।।
चत्वारि राज्ञा त" />आज का सुविचार
Share00चत्वारि राज्ञा तु महाबलेना वर्ज्यान्याहु: पण्डितस्तानि विद्यात् । अल्पप्रज्ञै: सह मन्त्रं न कुर्यात दीर्घसुत्रै रभसैश्चारणैश्च।।भावार्थ:-अल्प बुद्धि वाले, देरी से कार्य करने वाले, जल्दबाजी करने वाले और चाटुकार लोगों के साथ गुप्त विचार-विमर्श नहीं करना चाहिए। राजा को ऐसे लोगों को पहचानकर उनका परित्याग कर देना चाहिए
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